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किसी स्टार्टअप की सफलता के लिए सबसे ज़रूरी क्या होता है? [Startup]

किसी स्टार्टअप की सफलता के लिए सबसे ज़रूरी क्या होता है?

    (What is most important for the success of a startup?)

    स्टार्टअप को सफल करने के लिए अपनाएं 'यह गुण

     स्टार्टअप की सफलता के लिए कुछ कारक बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे

    बिजनेस करना, स्टार्ट अप करना भी इसी तरह काम करने का नाम है। दरअसल आज के समय में बिजनेस करना, खुद का ऑफिस होना और लगातार तरक्की करना हर किसी का सपना होता है.

    स्टार्टअप


    बिजनेस करना, स्टार्टअप शुरू करना भी इसी तरह काम करने का नाम है। दरअसल आज के समय में बिजनेस करना, खुद का ऑफिस होना और लगातार तरक्की करना हर किसी का सपना होता है. हर कोई स्टार्टअप शुरू कर सफलता की सीढ़ियां चूमना चाहता है, लेकिन तमाम स्टार्टअप में से बहुत कम लोग ही इस क्षेत्र में टिक पाते हैं, यह भी एक कड़वा सच है। इस दौड़ में बहुत कम लोग सफल होते हैं। सवाल उठता है कि सफल और असफल लोगों में क्या अलग गुण होते हैं? आइए जानते हैं क्‍योंकि ये गुण नए जमाने के स्‍टार्टअप में सफल होने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं।

    1.  विविधता: एक अनन्य और उत्पादक विचारों के स्वामी होना। यानी की एक जबरदस्त आइडिया जो समाज में व्यापक बदलाव लाने की क्षमता रखता हो । किसी समस्या का समाधान उस विचार से निकलता हो ।
    2.  उत्पादकता: उत्पादों या सेवाओं में उत्पादकता और प्रबंधन कौशलों का होना। यानी सही लागत में पर्याप्त उत्पादकता और वितरण सुनिश्चित की जा सके ।
    3.  प्रेरणा: उत्पादों या सेवाओं में हमेशा बेहतर और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रेरणाशीलता होना। हमेशा इनोवेशन एवम आने वाले बदलावों के लिए तैयार होना ।
    4. वित्तीय समर्थन: पैसे की व्यवस्था और वित्तीय समर्थन निर्बाध रूप से प्राप्त होने के लिए संकल्प और योजनाएं होनी चाहिए। क्योंकि किसी स्टार्टअप का यही मुख्य ईंधन होता है । ज्यादातर आपकी कमाई कार्यशील पूंजी ही लाती है ।
    5. समुदाय और समर्थन: समुदाय, ग्राहकों, प्रतिनिधियों, सहयोगी और व्यापार समूहों से समर्थन प्राप्त करने के लिए बेहतर विपणन , प्रचार प्रसार हेतु उन्नत एवम प्रभावी तरीकों का इस्तेमाल जिससे स्टार्टअप को एक ब्रांड के रूप मे स्थापित किया जा सके ।
    6. एक बार ब्रांड स्थापित हो जाने के उपरांत आपका आधा काम अपने आप होने लगेगा बाकी आधे के लिए आपको हर वक्त सजग रहना होगा जिससे आपका ब्रांड बाजार में टीका रहे ।

     

    कर्म हीन नर पावत नाहीं।

    रामचरितमानस की यह चौपाई अपने आप में इस संसार का सार है।

    यह स्पष्ट कहता है कि जो व्यक्ति पुरुषार्थ करता है, जो व्यक्ति कर्म करता है, उसे हर सुख प्राप्त हो सकता है, इस धरती पर जो कुछ भी उपलब्ध है, वह सब कुछ प्राप्त कर सकता है। लेकिन क्रिया की परिभाषा बहुत व्यापक है। काम करने का मतलब केवल शारीरिक परिश्रम से संतुष्ट होना नहीं है, बल्कि आपको तन, मन और अपने हर प्रयास से काम करने की जरूरत है। साथ ही आपको अपने विचारों में समग्रता लानी है।

    नये प्रयोग करना जरूरी

     

    क्योंकि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं, प्रयोग करने से न डरें! कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति के मन में कोई विचार आता है और वह उस विचार पर अडिग रहता है। वह विचार अच्छा हो सकता है, बुरा हो सकता है, लेकिन आपको विचार को संशोधित करने की जरूरत है, समय के अनुसार इसे बदलने की जरूरत है। बिल्कुल एक नए सॉफ्टवेयर अपडेट की तरह।

     

    आपको निश्चित रूप से नई चीजों को आजमाने की जरूरत है। काम करने के नए तरीके सीखना आवश्यक है और इससे आपको बिल्कुल भी इंकार नहीं करना चाहिए। यकीन मानिए, ऐसे में आपके सफल होने के चांस बढ़ जाएंगे।

     

    हालांकि, उद्देश्य आपका एक रहना चाहिए, आपको उसको करने के लिए बेहतर से बेहतर तरीके ढूंढते रहने की जरूरत है। कोई भी प्रयोग शुरुआत में सम्पूर्ण नहीं होता है, किन्तु नए और लगातार सुधारों से वह अपने परफेक्ट रूप में आ ही जाता है।

    साथ ही आप स्वयं भी क्रिएटिव बनें व अपनी टीम को भी क्रिएटिव बनाएं। किसी भी स्टार्टअप में कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं होता है, बल्कि उसके साथ कई सहयोगी जुड़े होते हैं, उसके साथ कस्टमर जुड़े होते हैं और सभी को कंफर्टेबल फील होना उतना ही आवश्यक है। तो आप इस प्रकार के माहौल का निर्माण करें कि आप के साथी, कस्टमर और जो भी आप से जुड़े एसोसिएट हैं, उसमें कंफर्टेबल महसूस करें। सभी को अपनी उपस्थिति दिखाने का मौका मिले और यही वह चीज है जो आपको ग्रो करने में सहायता करेगी।

     

    काम के घंटे बढ़ाने में हिचकें नहीं

     

    इस पॉइंट को लेकर कई लोगों के अलग-अलग मत हो सकते हैं, लेकिन इस बात पर हर किसी को एक राय होना ही है कि किसी भी स्टार्टअप में बहुत सारे कार्य होते हैं। बहुत सारे प्रयोग फेल भी होते हैं और निश्चित रूप से ऐसे में आप को अधिक से अधिक समय चाहिए।

     

    तो आप स्टार्टअप को किसी रूटीन जॉब की तरह लेने की बजाय अधिक से अधिक समय निकालें। अपने एसोसिएट को भी इस बात के प्रति प्रेरित करें कि वह अधिक से अधिक समय दें, ताकि स्टार्टअप की जरूरतों को पूरा किया जा सके और सही दिशा में पढ़ा जा सके। समय देने से एक एक करके आपकी तमाम समस्याएं हल होती जायेंगी, इस बात में दो राय नहीं!

     

    प्रेशर से बचाव

     

    स्टार्टअप में इसकी सबसे खास जरूरत होती है। कई बार आपको कोई चीज समझ में नहीं आती है और आप उस पर सर पटक रहे होते हैं।

     

    कई तरफ से आपके ऊपर दबाव आता है और आप उसे अगर सरलता से हैंडल नहीं कर पाते हैं, तो बहुत जल्दी आप डिप्रेस हो जाएंगे। ऐसे में आपका स्टार्टअप आपके डिप्रेशन की भेंट चढ़ सकता है, इसलिए आवश्यक है कि प्रेशर में कार्य करने की स्किल्स को लगातार बेहतर करें। कभी भी  गिव अप ना करें और यही वह चीज है जो एक रास्ता खोलने में हमेशा ही सक्षम होती है।

    ज़ाहिर तौर पर इसके लिए अगर आपको नई चीजें सीखनी पड़ेंगी। कोई नया कोर्स भी करना पड़ सकता है, कुछ नए लोगों से सलाह लेनी पड़ सकती है। पर यह तमाम चीजें आप अवश्य कीजिए और यही वह चीज है जो आपको लगातार प्रेरित करेगी आपको इनोवेटिव बनाकर अंततः सफलता की मंजिल की ओर अग्रसर करेगी।

    कार्य को प्यार करना आवश्यक

     

    यह बेहद महत्त्व का विषय है। अगर आप अपने कार्य को प्यार नहीं करते हैं तो आपके लिए आपका कार्य नीरस और कई बार तो बोझ तक लग सकता है। वहीं अगर अपने कार्य को आप प्यार करते हैं, अपने कार्य को किसी छोटे बच्चे की तरह पालते पहुंचते हैं, तो निश्चित रूप से यह सकारात्मक राह खोलेगा। ध्यान रहे कि आप अपने स्टार्टअप के मालिक हैं! आप अगर इसे एक बच्चे की तरह प्यार देते हैं तो आपको अपने स्टार्टअप ऑफिस में सफाई करने में भी संकोच नहीं होगा और उसके लिए बड़ी से बड़ी मीटिंग करने में भी आप खुद को स्किल कर पाएंगे, जो किसी भी स्टार्टअप में आवश्यक होती है।

     

    इन क्वालिटीज के अलावा डिसिप्लिन भी उतना ही आवश्यक है। ध्यान रखें कि डिसिप्लिन का मतलब दूसरों पर हुक्म चलाना नहीं है, बल्कि खुद को अनुशासित करना है। आप आगे रहकर खुद को अनुशासित कर पाते हैं तो यकीन मानिए आपकी टीम भी इसे मन से स्वीकार करेगी। ऐसे में समय का प्रबंधन आपके लिए काफी आसान हो जाएगा। ज़ाहिर तौर पर आप अनुशासित होंगे, तो आप के ऑफिस के लोगों में बेहतर ट्यूनिंग नज़र आएगी, जो अंततः आपके लिए ही फायदेमंद होगी।

    स्टार्टअप कैसे सफल होता है?

    एक सफल स्टार्टअप अपने वित्त के प्रबंधन में कुशल है और बहुत कम काम करने में सक्षम है । हर कोण का अपना बजट निर्धारित होना चाहिए और अनावश्यक खर्च से बचना चाहिए। यह जानना महत्वपूर्ण है कि मील के पत्थर और बजट को पूरा करने के लिए कंपनी को क्या चाहिए।

    स्टार्टअप इंडिया का मुख्य उद्देश्य क्या है?

    स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।

    स्टार्टअप शुरू करने के लिए पहला कदम क्या होना चाहिए *?

    कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करना हर स्टार्टअप (Startup) का पहला कदम होना चाहिए. लाइसेंस (Licence) और परमिट (Permit) के बिना व्यवसाय चलाने की अनुमति नहीं है और ना ही कोई सरकारी योजना का लाभ मिलेगा. इसे अनदेखा करने पर भारी जुर्माना और अन्य कानूनी जटिलताएं हो सकती हैं.

    स्टार्टअप का मतलब क्या होता है?

    कंपनी, साझेदारी या अस्थायी संगठन के रूप में शुरू किये गये उस उद्यम या नये व्यवसाय को स्टार्टअप कंपनी या स्टार्टअप कहते हैं जो एक दुहराने योग्य और स्केलेबल व्यापार मॉडल की खोज के लिए आरम्भ किया जाता है। इन कंपनियों, आम तौर पर नए बनाए गए, एक प्रक्रिया में नवाचार के विकास, मान्यता और लक्षित बाजारों के लिए शोध कर रहे हैं।

    स्टार्टअप की शुरुआत कब हुई?

    स्टार्टअप इंडिया योजना एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जिसे 16 जनवरी 2016 को बैंक वित्त प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने और समर्थन करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

     

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